SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 11
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नाना स्थानोंमें गवाहियाँ लेनेके लिए भ्रमण किया था। इस कमीशनके सभापतिसे गुरुदास बाबूकी राय नहीं मिली थी और इस कारण उन्होंने एक बड़ा ही जोरदार विरोधपत्र उसकी रिपोर्ट के साथ प्रकाशित कराया था। इस विरोधपत्रमें उन्होंने उच्चशिक्षाके क्षेत्रको संकीर्णतर न होने देनेकी चेष्टा बहुत कुछ की थी। यद्यपि लार्ड कर्जनने उसे पसन्द न किया, फिर भी उससे देशका बहुत कुछ उपकार हुआ। गुरुदास बाबूके जीवनका अधिक महत्त्वपूर्ण भाग राष्ट्रीय शिक्षाके विचारों में ही व्यतीत हुआ । सन् १९०६ में कलकत्तेमें जो 'नेशनल कौंसिल आफ एज्युकेशन ' स्थापित हुई थी, उसके वे प्राण थे । इसके प्रारंभिक अधिवेशनके समय उन्होंने जो व्याख्यान दिया था उसमें शिक्षाके नवीन आन्दोलनकी आवश्यकताको बतलाते हुए शिक्षाक्रमपर बहुत ही सारगर्भ विवेचन किया था। उनका विचार था कि वैदेशिक भाषाज्ञानकी आवश्यकता तो है; परन्तु वह शिक्षाके आरंभिक भागमें नहीं-अन्तिम भागमें है। यद्यपि गुरुदास बाबू कभी कांग्रेस-मञ्च पर नहीं आये, तथापि उनका हृदय सदा ही राष्ट्रीय आन्दोलनके साथ रहा । कुछ समय तक वे बंगालकी व्यवस्थापक सभाके भी मेम्बर थे । स्वर्गीय बंकिम बाबूके बाद वे 'कलकत्ता यूनिवर्सिटी इन्स्टिटयूट' के साहित्यक विभागके भी प्रेसीडेण्ट रहे थे। गुरुदास बाबूको अपनी मातृभाषासे बहुत प्रेम था। अँगरेजीमें वे किसी बंगालीसे कभी वार्तालाप न करते थे। उनके मातृभाषाप्रेमका ही यह फल हैं जो इस अद्वितीय ग्रन्थकी रचना उन्होंने बंगलामें की है। वे बंगलाभाषामें पद्य-- रचना भी करते थे। उनके बनाये हुए कई अच्छे अच्छे गान हैं । कानूनसम्बन्धी पुस्तकों के सिवाय उन्होंने गणित, शिक्षा, धर्म आदि पर भी अनेक पुस्तकें लिखी हैं। अपने धर्मके एकनिष्ठ उपासक होने पर भी वे किसी सम्प्रदायके विद्वेष्टा नहीं थे। शुभ कार्यों में वे सभी सम्प्रदायके लोगों के साथ योग देते थे। किसी भी सम्प्रदायके धर्मकार्यों के प्रति उनकी अश्रद्धा नहीं थी। बहुत कम लोगोंमें उनके समान मतसहिष्णुता देखी जाती है।
SR No.010191
Book TitleGyan aur Karm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupnarayan Pandey
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size65 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy