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________________ प्रकरण ४ आलोच्य युग के जैन- गुर्जर कवियों की कविता में वस्तु-पक्ष भाव पक्ष : भक्ति-पक्ष : भक्ति का सामान्य स्वरूप व उसके तत्व । जैन धर्म साधना में भक्ति का स्वरूप | जैन - गूर्जर हिन्दी कवियों को कविता में भक्ति-निरूपण । विचार- पक्ष : सामाजिक यथार्थाकन, तद्युगीन सामाजिक समस्याएँ और कवियों द्वारा प्रस्तुत निदान । धार्मिक विचार | दार्शनिक विचार । नैतिक विचार | प्रकृति-निरूपण : प्रकृति का आलंबनगत प्रयोग; प्रकृति का उद्दीपनगत चित्रण; प्रकृति का अलंकारगत प्रयोग; उपदेश आदि देने के लिए प्रकृति का काव्यात्मक प्रयोग; प्रकृति के माध्यम से ब्रह्मवाद की प्रतिष्ठा । निष्कर्ष 101011
SR No.010190
Book TitleGurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHariprasad G Shastri
PublisherJawahar Pustakalaya Mathura
Publication Year1976
Total Pages353
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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