________________
: लेखक का निवेदन : कवीर, मीराबाई, सूरदास, तुलसीदास आदि सन्तों ने जिस प्रकार समग्र देश में भक्ति एवं अध्यात्म की भावधारा प्रवाहित कर दी थी उसी प्रकार जैन सन्तों ने भी अपने प्रवचनों एवं साहित्य सम्पदा द्वारा भक्ति तथा ज्ञान समन्वित नैतिक एवं आध्यात्मिक जागरण का शंखनाद फूका था । किन्तु ऐसे सन्तों के बारे में एक ही स्थान पर उपलब्ध सामग्री का अभी तक अभाव ही रहा है। इसी कमी को पूरा करने के लिए गुजरात एवं राजस्थान के अंचल से प्राप्त जैन संतों का ऐतिहासिक एवं साहित्यक परिचय देते हुए उनकी उपलब्धियों का विविध दृष्टियों से मूल्यांकन प्रस्तुत करने का प्रयास यहाँ किया गया है। विश्वास है यह प्रयास हिन्दी साहित्य के इतिहास को पुन: देखने समझने के लिए एक नया गवाक्ष उद्घाटित करेगा।
साथ ही अन्य अहिन्दी भापी प्रदेशों की तरह गुजरात में भी आज से शतियों पूर्व हिन्दी के व्यवहृत होने के साहित्यिक एवं ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध हैं । अपनी व्यापकता, प्रगतिशीलता एवं लोकप्रियता के कारण ही हिन्दी समस्त देश को एक सूत्र में अनुस्यूत करने का कार्य करती आ रही है। गुजरात के जैन सन्तों ने भी हिन्दी की इस व्यापक शक्ति को पहचान कर उसके प्रति अपना परम्परागत स्नेह दिखाया है । इन जैन सन्त कवियों का हिन्दी में विनिर्मित साहित्य-सम्पदा सदियों से अज्ञात एवं उपेक्षित रही है। इस साहित्य सम्पदा का उद्घाटन परीक्षण एवं साहित्योचित मूल्यांकन करने का भी यह मेरा विनम्र प्रयास है। आशा है, इस ओर जिज्ञासु साहित्य मर्मज्ञों की दृष्टि जायगी।
विषय गहन है मेरे साधन सीमित । अत: जो तथ्य उपलब्ध हुए उनके आधार पर साधन और समय की मर्यादा में रहते हुए मैंने विषय का यथाशक्ति प्रामाणिक प्रतिपादन किया है । फिर भी पूर्णता का दावा नहीं है । इस दिशा में यह प्रयास 'आरम्भ मात्र' ही माना जाना चाहिए । वास्तव में पाँच वर्ष के निरन्तर श्रम के पश्चात् मेरा यह प्रबन्ध काफी पूर्व ही गुजरात युनिवर्सिटी द्वारा स्वीकृत हो चुका था, पर प्रकाशन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण पांच वर्ष तक वैसा ही पड़ा रहा । महावीर की पचीस सौंवीं निर्वाण तिथि महोत्सव के इस वर्ष में सुधा पाठकों के हाथों में इस प्रवन्ध को संशोधत रूप में प्रस्तुत करता हुआ प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूं।
प्रस्तुत शोध-प्रवन्ध का प्रणयन गुजरात युनिवर्सिटी के हिन्दी-विभागाध्यक्ष श्रद्धेय डॉ० अम्बाशंकर नागरजी के विद्वत्तापूर्ण निर्देशन में सम्पन्न हुआ है जिनसे