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दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री सिद्धसागरजी महाराज द्वारा
दीक्षित शिष्य
आर्यिका ज्ञानमतीजी
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आयिका ज्ञानमतीजी माताजी
बाराबंकी जिले में गणेशपुर ( बरसाघाट ) में सं० २००३ में श्रेष्ठी श्री अजितप्रसादजी के . यहाँ जन्म लिया। आपकी मातुश्री का नाम विद्दोवाई था । युवा अवस्था में टिकैतनगर में आपकी शादी हुई थी। आपके पति श्री सन्तूलालजी बड़े ही धर्मात्मा बन्धु थे। आपकी तीन पुत्रियां थीं। पति का अल्प समय में ही आपको वियोग सहना पड़ा तथा ३० वर्ष की उम्र में आपको वैधव्य प्राप्त हो गया । आपको मुनि सिद्धसागरजी का सान्निध्य मिला तथा आपने परिवार को छोड़कर आर्यिका दीक्षा ली। अभी आप आचार्य धर्मसागरजी महाराज के पास हैं तथा धर्मवृद्धि कर रही हैं। . .