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दिगम्बर जैन साधु
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प्रायिका स्वर्णमती माताजी द्वारा
दीक्षित शिष्य
आर्यिका वीरमतीजी
आर्यिका वीरमती माताजी
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आपका पूर्व नाम पदमावती था। पिता का नाम श्री दादा पटडणकुरे एवं माताजी का नाम उसनाबाई था। आपके माता-पिता नसलापुर ग्राम में रहते थे ।
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संसार को असार जानकर २ मई १९७६ छपरा में स्वर्णमती माताजी से आर्यिका दीक्षा ली । आप मुनि सिद्धसैनजी महाराज के साथ तीर्थराज की वंदना को गईं। आपकी धर्म पर अटूट श्रद्धा है ।
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