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दिगम्बर जैन साधु
[ ५३३ दीक्षा ली । पाप तपस्वी सन्त हैं १-१ माह के उपवास करते हैं आपकी शक्ति अपूर्व है निरन्तर आत्म साधना के मार्ग में संलग्न हैं । इस समय आचार्य श्री धर्मसागरजी महाराज के संघ में रह कर धर्म साधना कर रहे हैं।
क्षुल्लक श्री पदमसागरजी महाराज
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आपका जन्म मडावरा जिला ललितपुर उत्तरप्रदेश में सम्वत् १९८५ में हुआ । आपके पिताजी का नाम श्री भैयालालजी बजाज व माताजी का नाम श्रीमती बेटीबाई था। आपको २ शादियां हुई। दोनों पत्नियों का स्वर्गवास हो गया। आपका मन १८ साल की उम्र से ही वैराग्य की ओर अग्रसर था, सन् १९७० में आचार्य श्री विमलसागरजी से राजग्रही में आपने २ प्रतिमा धारण की। उसके बाद सन् १९७८ में मुनि श्री पार्श्वसागरजी से टीकमगढ़ में क्षुल्लक दीक्षा ली । आप बहुत सरल चित्त व मृदुभाषी हैं। आपका अधिकतर समय धर्म ध्यान व ग्रंथों को पढ़ने में व्यतीत होता है।
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