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दिगम्बर जैन साधु
[ ४६ आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी (पोशीना-ईडर) रामदेश के दशाहुमड़ सेठ साकलचंदजी की पुत्री का कंचन नाम रक्खा । मुनि सुमतिसागरजी का संघ पोशीना ग्राम में आया वहाँ आपने क्षुल्लिका के व्रत स्वीकार किये । उसके बाद आयिका पद को धारण कर वर्तमान में सच्ची साध्वी का जीवन विता रही हैं । आप गुजराती बहनों के लिए आदर्श रूप हैं।
क्षुल्लिका शुद्धमति माताजी पद-क्षुल्लिका जन्म तिथि-पाषाढ़ शुक्ला ११ जन्म स्थान-ग्वालियर श्राविका अवस्था का नाम-ज्ञानमति पिता का नाम-श्री उदयराज जैन माता का नाम-प्यारीबाई जैन क्षुल्लिका दीक्षा कब ली–श्रावण सुदी ९ किन से ली-श्री १०८ प्राचार्य सुमतिसागरजी महाराज से ।
क्षुल्लिका शान्तिमती माताजी
जन्म नाम-मैनाबाई। पिता का नाम-श्री भैयालालजी माता का नाम-श्री रत्नीबाईजी जन्म स्थान-पनागर ( जबलपुर) म०प्र० शिक्षा-स्वाध्यायी दीक्षागुरू-श्री १०८ मुनि सुमतिसागरजी
सुश्री मैनावाई का जन्म पनागर जबलपुर म०प्र० में हुआ । डगमगाते कदम स्थिरता की ओर बढ़े । दृढ़ता प्राप्त कदमों ने काल के साथ दौड़ प्रारंभ करदी। ऋतुएं एक के बाद एक आई और चली गई। क्षण-क्षण का समय दिन और सप्ताहों में संचित होने
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