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दिगम्बर जैन साधु आपने लौकिक शिक्षा हायर सैकण्डरी तक ही प्राप्त की है । आपका त्याग धन्य है जो छोटी अवस्था में अधिक अध्ययन कर प्राणी मात्र का उद्धार कर रहे हैं । आपके उपदेश में जैन, अजैन, हिन्दू, मुस्लिम आदि सभी वर्ग के लोग आकर उपदेश श्रवण करते हैं । आपके हृदय में प्राणी मात्र का उद्धार हो यही भावना रहती है ।
मुनि श्री. गुणसागरजी महाराज __ श्री दीपचंदजी ने प्रोबरी जि० डूगरपुर में सं० १९४० में दशा हुम्मड़ जाति में जन्म लिया था। शिक्षा प्राप्त करने के बाद आपने कपड़े का व्यापार किया । आपका मन सांसारिक कार्यों में नहीं लगा तथा मुनि कुन्थुसागरजी से क्षुल्लक दीक्षा ली । नागफणी पार्श्वनाथ में आचार्य सन्मतिसागरजी से मुनि दीक्षा दिनांक ८-५-८३ को ली।
मुनि श्री चारणसागरजी महाराज श्री जगन्नाथजी का जन्म जेसवाल जाति में सं० १९७३ में अशोक नगर मध्यप्रदेश में हुवा था । आपने सामान्य शिक्षा प्राप्त की तथा व्यापारिक कार्य में लग गये । शुभ संयोग से मुनि श्री के दर्शन एवं प्रवचनों से प्रभावित होकर आचार्य श्री से खेरबाड़ा जि० उदयपुर में सं० २०३९ में जेष्ठ कृष्ण पक्ष में मुनि दीक्षा ले ली। आप सरल परिणामी तथा आर्षमार्ग के अनुसार मुनिचर्या में लीन हैं।
. मुनि श्री मेघसागरजी महाराज श्री धूलचन्दजी का जन्म छीतरी राजस्थान में सं० १९७१.में हुवा था । सामान्य शिक्षा प्राप्त की। आपने दशा हुम्मड जाति में जन्म लिया । दाहोद गुजरात में सन् १०-१०-८२ को मुनि दीक्षा आ० सन्मतिसागरजी से ली । आप संघ में रहकर मुनि व्रतों को पाल रहे हैं।