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________________ ४६० ] दिगम्बर जैन साधु मुनि श्री महेन्द्रसागरजी महाराज आपका जन्म भगवां जिला छतरपुर में संवत् १९७१ कार्तिक सुदी पंचमी को गोलापूरव जाति में हुवा था। आपके पिता का नाम श्री पंचमलालजी तथा माता का नाम भूरीवाई था। आपकी लौकिक शिक्षा सामान्य ही रही, बाल्यकाल से ही आपकी प्रवृत्ति धर्म के प्रति अति तीव्र थी, अतः आपने जैन ग्रन्थों की परीक्षाएं देकर अनेकों विषय में योग्यता प्राप्त की, आपने आचार्य श्री सन्मतिसागरजी से क्रमशः क्षुल्लक दीक्षा तथा जेठ वदी चतुर्थी को संसार को असार जानकर मुनि दीक्षा धारण की। आप जगह जगह विहार कर धर्म प्रभावना कर रहे हैं, धन्य है दिगम्बर मुद्रा को। andiopany मुनि श्री यजेन्द्रसागरजी महाराज आपका पूर्व नाम शान्तिनाथ था । दशा हुम्मड़ जाति में जन्म लिया । जन्म स्थान पारसोला (उदयपुर) था । आपके पिताजी का नाम जबरलालजी तथा माताजी का नाम श्री भूरीबाई था । सं० २०३६ में आ० सन्मतिसागरजी महाराज से खेरवाड़ा में मुनि दीक्षा ली। मुनि श्री पार्श्वसागरजी महाराज . मांगीलालजी जैन बड़जात्या का जन्म मींडा भैसलाना ( जयपुर ) राजस्थान में श्रेष्ठी श्री गुलावचन्द्रजी बड़जात्या की धर्मपत्नी की कुक्षि से वि० सं० १९८८ को हुआ था। आपकी लौकिक शिक्षा सामान्य ही रही । धार्मिक ज्ञान साधारण ही था । आचार्य महावीरकीर्तिजी महाराज की निरन्तर एक वर्ष तक संगति व सदुपदेश सुनने से आपके मन में वैराग्य उत्पन्न हुवा तथा पौष शुक्ल
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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