________________
३७२ ]
दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री प्ररहसागरजी महाराज
b
आप पिता श्री रज्जूलालजी एवं माता श्री मांड्यादेवी के पुत्र रत्न हैं । आपका जन्म सं० १९७२ में परवार जाति में टीकमगढ़ में हुआ था । आपके दो भाई हैं । आपका गृहस्थावस्था का नाम लखमीचन्द था । श्रापने दूसरी प्रतिमा आ० विमलसागरजी से तथा सातवीं प्रतिमा श्र० श्री महावीरकीर्तिजी से चम्पापुर में ली । क्षुल्लक दीक्षा सं० २०१५ में श्री सम्मेद शिखरजी में तथा मुनि दीक्षा सं० २०१८ में अगहन बदी ११ को बड़ौत में आचार्य श्री १०८ विमलसागरजी से ली । आप बाल ब्रह्मचारी हैं तथा अनिश जप, तप, ध्यान में लीन रहते हैं ।
मुनिश्री बाहुबलिसागरजी महाराज
आपका जन्म थिड़ावा जि० झालरापाटन निवासी श्री भवंरीलालजी एवं माता श्री ताराबाई के घर सं० १९९० में हुआ था । आप जैसवाल जाति के रत्न हैं तथा आपका गृहस्थावस्था का नाम गिरवरसिंह था । आपने सातवीं प्रतिमा सं० २०१९ में कम्पिलाजी क्षेत्र पर तथा क्षुल्लक दीक्षा सं० २०२१ में मुक्तागिरीजी क्षेत्र पर ली । श्री सम्मेदशिखरजी में सं० २०२६ कार्तिक सुदी १ सोमवार ३-११-७२ वीर नि० सं० २४६६ को आचार्य श्री विमलसागरजी से नापने निर्ग्रन्थ दीक्षा धारण की तथा मुनि श्री बाहुबलि सागरजी नामकरण हुआ । आप संघ के शान्त, तपस्वी साधु हैं एवं बाल ब्रह्मचारी हैं ।
عال