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दिगम्बर जैन साधु
क्षुल्लिका चारित्रमतीजी
आपका जन्म बेलगांव दक्षिण में हुवा था । आपके पिता का नाम संगप्पा एवं माता का नाम जीवाका था। विक्रम सं० १९६५ में आपका जन्म हुआ था । वि० सं० १९७६ में आपकी शादी श्री वीरप्पा पाटिल के साथ हुई थी । श्राप चतुर्थ जाति की थी, सं० २००२ में मुनि पायसागरजी से आरगद में सप्तम प्रतिमा के व्रत धारण किए थे ।
सं० २००७ में गुलबर्गा आपने क्षुल्लिका दीक्षा ली तथा वि० सं० २०१७ में श्रा० देशभूषरणजी महाराज से आर्यिका दीक्षा धारण की, आप कन्नड़ी, मराठी, हिन्दी की उच्चकोटि की प्रवक्ता हैं तथा सरल एवं शान्त जीवन है श्रापका ।
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क्षुल्लिका श्रादिमतीजी
श्री १०५ क्षुल्लिका आदिमतीजी का गृहस्थावस्था का नाम जुवाई है । फल्टन को आपका जन्म स्थान होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके पिता श्री फूलचन्द्रजी दशाहुमड़ थे । आपकी शिक्षा नाममात्र को कक्षा तीसरी तक ही हुई । जब आप असमय में ही विधवा हो गई तब आपने साधु सत्संग, धर्मश्रवण, धर्म - ध्यान में मन लगाया ।
कोल्हापुर नगर में सन् १९६० में श्री १०८ श्राचार्य देशभूषणजी महाराज से आपने क्षुल्लिका दीक्षा ले ली थी । आपने लाठी, श्रानन्द, फल्टन, आकुलज, भसवड़, गजपन्था आदि स्थानों पर चातुर्मास किये | आप श्रतीव सरल स्वभाव की धार्मिक प्रकृति वाली हैं। धर्मश्रवण, साध सम्पर्क से आपने अच्छा खासा अनुभव प्राप्त कर लिया ।
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