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. दिगम्बर जैन साधु
मुनिश्री सिद्धसैनजी महाराज जव आचार्य श्री देशभूषणजी महाराज ने कोल्हापुर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराई थी तब . आपने मधुर कंठ से पूजा कराई थी । आप खोतसाहब के नाम से प्रसिद्ध थे, आपको हर व्यक्ति सम्मान की दृष्टि से देखता था। राजकीय क्षेत्र में आपका महत्वपूर्ण स्थान था । आप महाराष्ट्र मंत्रीमंडल के सदस्य रह चुके हैं । भ्रष्टाचार का बढ़ावा देखकर राजकीय कार्यों से घृणा होने लगी तथा वीतरागता का पथ अपनाया । आपने लौकिक शिक्षा L. L. B. तक की । आप निरन्तर धार्मिक चर्चा में लीन रहते थे। आपने भारतवर्ष में सर्वत्र पद विहार करके धर्म प्रभावना की । आप गिरनार क्षेत्र की वंदना करने जा रहे थे, रास्ते में आपका स्वास्थ नरम हो गया तथा इसी बीच आपकी समाधि हो गई।
श्रीवालाचार्य १०८ बाहुबली मुनि महाराज
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___ आपका जन्म शुक्रवार तारीख १६ दिसम्वर १९३२ शके १८५४ मार्गशीर्ष वद्य तृतीया पुष्य नक्षत्र पर रुकड़ी जिला कोल्हापुर महाराष्ट्र राज्य में एक सीधेसाधे किसान परिवार में हुआ । रात के आठ बजे खेत पर घास फूस की कुटी में जन्म लेने वाला यह बालक साथ में शुभ शकुन लेकर ही आया । जन्म से । पहले आधा घंटा कुटो के वाहर सियारों ने शोर मचाया था मानों वे बता रहे थे कि "होशियार ! इस महान भारत देश में एक महाज्ञानी महात्मा जन्म ले रहे हैं."
___वही बालक वर्तमान काल में अपने गाँव और देश का नाम रोशन कर रहा है। .
आपके पूज्य माताजी का नाम आक्कुबाई और पिताजी का नाम बलवंतराव था। अब वे दोनों स्वर्गवासी हैं।
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