________________
२९८ ]
दिगम्बर जैन साधु प्राचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज
S
.
५..
....iminarains
..।
.
.
.
.
पू० श्री विद्यासागरजी का समस्त. परिवार जैन धर्म की साधना में है, आपका जन्म वेलगांव (कर्नाटक) सदलगा नामक ग्राम में हुआ, आपके पिताजी का नाम मल्लप्पाजी तथा माताजी का नाम श्रीमतिजी था। आपका जन्म सं० २००३ आसोज सुदी १५ को हुवा था। आपका बचपन का नाम भी विद्यासागर ही था।
आपकी मातृ भाषा कन्नड़ है। नवमी कक्षा तक आपको लौकिक शिक्षा हुई । आप इस समय संस्कृत हिन्दी के उच्चकोटि के विद्वान हैं आपने हिन्दी एवं संस्कृत में उच्चकोटि की रचनायें की हैं । आपने असाढ़ सुदी पंचमी संवत् २०२५ में : मुनि ज्ञानसागरजी से अजमेर में मुनि दीक्षा ली तथा आत्म साधना में संलग्न हैं। आप युवा मुनि हैं तथा आपका पूरा संघ युवा ही है । चारित्र के धनी युवा संघ दिगम्वरत्व की साधना कर भ० महावीर के मार्ग को आगे बढ़ा रहे हैं । तपोनिष्ठ आचार्य श्री विद्यासागरजी की काया निरन्तर तप के कारण स्वर्णरंगी दिखती है, आपके प्रवचनों के लिए भीड़ उमड़ पड़ती है। निर्मल चारित्र, बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री विद्यासागरजी के २ भाई, पिताजी, माताजी एवं दोनों बहिनें जैनेश्वरी दीक्षा लेकर आत्म साधना कर रही हैं । आपके माताजी, पिताजी एवं २ बहिनें आचार्य श्री धर्मसागरजी से दीक्षा लेकर आत्म कल्याण के मार्ग में निरत हैं ।
GOVER