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दिगम्बर जैन साधु मापिका सुप्रकाशमतीजी
सुशीलाजी का जन्म कुण्डा जि० उदयपुर राजस्थान में १९ वर्ष पूर्व हुआ था । ११ वीं तक आपने लौकिक शिक्षा प्राप्त की। १५ वर्ष की उम्र में आपने अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण कर लिया था । बम्बई पोदनपुर त्रिमूर्ति में आपने मुनि दयासागरजी महाराज से १७ जनवरी २२ में आर्यिका दीक्षा धारण की। इस युवा अवस्था में आपने परिवार से मोह छोड़कर जैनेश्वरी दीक्षा ली। आप सरल एवं तपस्वी साध्वी सन्त हैं । नव-युवतियों के लिये एक आदर्श मार्ग आपने प्रशस्त किया।
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आर्यिका प्रज्ञामतीजी
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आपका जन्म उदयपुर जिला कुडां में हुवा था। आपकी माता का नाम कुनणबाई था। पिता का नाम श्री रामचन्द्रजी था। आपका पूर्व नाम ललिता था। आप नरसिंहपुरा जाति की हैं। १४ वर्ष की उम्र में आपका विवाह हो गया पर अभी मेंहदी की लाली हल्की भी ना हो पायी थी कि उतर गई । शीघ्र ही अपना चित्त धर्मध्यान की
ओर लगाया तथा मुनि दयासागरजी से अक्षय तृतीया के दिन घाटोल में पंच कल्याणक. प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रायिका दीक्षा धारण कर ली दीक्षोपरान्त आपका नवीन नामकरण प्रज्ञामतीजी हुवा।
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