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दिगम्बर जैन साधु
क्षुल्लक समतासागरजी. आपका जन्म कर्नाटक श्रवण बेलगोला के समीप में हुवा था । आपका पूर्व नाम श्री राजेन्द्रकुमारजी था । आपने तीर्थक्षेत्र श्रवण बेलगोला में जैन गुरुकुल में इन्जीनियर तक शिक्षा प्राप्त की। आप कन्नड़, हिन्दी, अंग्रेजी के एक उच्चकोटि के प्रवक्ता हैं । मुनि श्री दयासागरजी महाराज से वम्बई पोदनपुर में क्षु० दीक्षा लेकर आत्म साधना कर रहे हैं। आप वालब्रह्मचारी एवं युवा सन्त हैं।
क्षुल्लक निरंजनसागरजी
आपका जन्म मुजफ्फर नगर (U. P.) जिले में मुबारिकपुर में हुवा था। आपकी बड़ी बहिन ने आर्यिका दीक्षा ली है । आप अग्रवाल जाति के रत्न हैं । ५० वर्ष की उम्र में घर गृहस्थी का त्याग करके महामस्तकाभिषेक गोमटेश्वर के शुभ अवसर पर आपने मुनि दयासागरजी से क्षु० दीक्षा अंगीकार की । पाप धर्म साधना में निरत हैं।
क्षुल्लक उदयसागरजी
आपका जन्म उदयपुर जिले के सलुम्बर गांव जाति बीसा नागदा में सम्वत् १९६५ में हुआ। आपके पिताजी का नाम रूपचन्दजी व माताजी का नाम भुरीवाई था। आपका गृहस्थावस्था का नाम श्री उदयचन्दजी था । आपके पिताजी व माताजी का स्वभाव धर्म के प्रति बहुत अच्छा
था । संवत् २०१८ में आपने ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। . उसके बाद आपने ७ वी प्रतिमा श्री १०८ शिवसागरजी
महाराज से उदयपुर में ली। आप बाल ब्रह्मचारी हैं । उसके बाद संवत् २०३४ में घाटोल में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के
समय मुनि दयासागरजी से क्षुल्लक दीक्षा ली। उस समय से प्राप उदयसागरजी के नाम से सम्बोधित किये जाने लगे । उसके बाद ऐलक पार्श्वकीर्तिजी महाराज के संघ के साथ में सोनागिर पधारे।
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बाद संवत् २०