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________________ २४४ ] दिगम्बर जैन साधु क्षुल्लक श्री परमानन्दसागरजी महाराज । गृहस्थ अवस्था का नाम पिता का नाम । माता का नाम । । निवास स्थान जन्म तिथि एवं जन्म स्थान लौकिक-अध्ययन दीक्षा तिथि एवं स्थान पवनकुमार स्वदेशी गोकुलचन्दजी स्वदेशी प्यारीबाईजी इन्दौर ३०-११-१९५१, श्री सिद्धक्षेत्र मांगीतुंगी वी. कॉम प. पू. प्राचार्य १०८ श्री धर्मसागरजी महा० प्रायः चारों अनुयोग । । - । । धार्मिक अध्ययन प्रायिका अनन्तमतीजी आपका जन्म जिला औरंगाबाद में कन्नड़ नामक ग्राम में सेठी कुलोत्पन्न श्रीमान सेठ हीरालालजी के घर माता सरूपाबाई की कोख से सं० १९३६ में हुवा । जन्म के समय आपका नाम सोनाबाई रक्खा। आपके माता पिता अत्यन्त सरल स्वभावी दानी और जैनागम के परम श्रद्धानी थे। इनके सुलक्षणों का प्रभाव इनकी सन्तान पर पड़ा। वालिका सोनाबाई का पाणिग्रहण १३ वर्ष की अल्प आयु में आहूल निवासी श्री सुखलालजी काशलीवाल के साथ हुवा था । आपके एक पुत्र तथा एक पुत्री थी । कर्म की गति विचित्र है । विवाह के ६ वर्ष बाद आपके पति श्री सुखलालजी का देहावसान हो गया ।
SR No.010188
Book TitleDigambar Jain Sadhu Parichaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain
PublisherDharmshrut Granthmala
Publication Year1985
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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