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दिगम्बर जैन साधु
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ऐलक श्री वैराग्यसागरजी महाराज
आपका जन्म माघ शुक्ला ८ सं० १९६६ को नवां गांव, उदयपुर ( राजस्थान ) में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री गुमानमलजी और माता का नाम श्रीमती चुन्नीबाई था । गृहस्थ अवस्था में आपको श्री चुन्नीलालजो के नाम से संबोधित किया जाता था। गृहस्थावस्था में धर्म के प्रति आपकी तीव्र लगन और वैराग्य के प्रति स्नेह था । परिणामस्वरूप प० पूज्य आचार्य १०८ श्री धर्मसागरजी महाराज सा० से आपने सं० २०२८ में क्षुल्लक दीक्षा धारण की । तत्पश्चात् सं० २०२६ में ही मुनि श्री सुपार्श्वसागरजी महाराज सा० से आपने ऐलक दीक्षा ले ली । आपकी समाधि संघस्थ विहार करते हुये बड़ा गांव ( खेखड़ा ) उ० प्र० में आचार्य श्री के सान्निध्य में हुई।