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दिगम्बर जैन साधु
प्रायिका श्रेष्ठमतोजो
श्री आर्यिका श्रेष्ठमतीजी का गृहस्थावस्था का नाम रतनबाई था । श्रापका जन्म फतेहपुर सीकरी ( राजस्थान ) में श्राज से लगभग ६० वर्ष पूर्व हुआ आपके पिता का नाम वासुदेवजी था । जो गल्ले का व्यापार करते थे । आपकी माता का नाम इन्द्रादेवीं था । आपकी जाति अग्रवाल थी। आपकी लौकिक शिक्षा कक्षा तीसरी तक हुई । आपका विवाह श्री नेमीचन्द्रजी के साथ हुआ । परिवार में आपके दो भाई एवं दो वहिन हैं । आपके नगर में संघ आगमन होने के कारण आपमें वैराग्य प्रवृत्ति जाग उठी । आपने विक्रम संवत् २०१९ में आचार्य १०८ शिव-:
सागरजी से दीक्षा ले ली । आपने लाडनू, कलकत्ता
हैदराबाद, सोलापुर, श्रवणबेलगोल, सनावद, प्रतापगढ़ श्रादि स्थानों पर चातुर्मास कर धर्मवृद्धि की । आप चारित्र शुद्धि का उपवास व्रत भी करती हैं ।
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