________________ दिगम्बर जैन साधु [ 165 महाराज से मांगुर ( बेलगांव ) में मुनि दीक्षा ले ली। आपने शिखरजी, नसलापुर, मांगुर, कोल्हापुर आदि स्थानों पर चातुर्मास किये इन स्थानों पर आपके विहार करने से काफी धर्मप्रभावना हुई। आपने मुनि दीक्षा ली ही थी कि दूसरे दिन से आप असाध्य रोग से ग्रसित हुए / कालान्तर में शुभ कर्म के उदय से आप स्वस्थ हुए / एक प्रकार से आपका दूसरा जन्म हुआ। आपने शक्कर, गुड़, घी आदि रसों का त्याग कर रखा था। आप अपने आदर्श जीवन चरित के माध्यम से देश और समाज को सदैव सवल बनाकर सन्मार्ग पर चलने की शिक्षा देते थे।