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है कि यह युक्तिवाद को प्रमुखता देता है। किन्तु भारतीय दर्शन में अनुभव की जिस सर्वांगीणता को अपना रखा है उसमे प्रतिभाज्ञान को मुख्य रूप से प्रधानता दी गयी है। किन्तु प्रत्यक्ष तथा युक्ति को अपेक्षाकृत कम महत्व दिया गया है।
भारत में दर्शन का चरम उद्देश्य मोक्ष प्राप्ति में सहयता प्रदान करना है। इस प्रकार भारतीय दर्शन "साधन" के रूप में प्रयुक्त होता है क्योंकि इसके द्वारा ही मोक्षानुभूति होती है। इसके विपरीत पश्चिम में दर्शन को साध्य रूप में मानते हैं। जबकि भारत मे इसे साधन मात्र माना गया है।
पश्चिमी दर्शन का दृष्टिकोण वैज्ञानिक है क्योंकि वहां के दार्शनिकों नें वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग किया पश्चिमी दर्शन में विज्ञान की प्रधानता होने के कारण दर्शन
और धर्म में विरोधी सम्बन्ध रहे हैं। क्योंकि पाश्चात्य दर्शन में धर्म की उपेक्षा की गयी है। परन्तु भारतीय दृष्टिकोण धार्मिक है। और भारत में दर्शन और धर्म दोनों का उद्देश्य व्यवहारिक है। मोक्षानुभूति दर्शन और धर्म दोनों का ही लक्ष्य है।
१७ वीं शदी के पूर्व पाश्चात्य दर्शन धर्म से प्रभावित था उस समय दार्शनिको ने दर्शन को धर्म से स्वतंत्र किया किन्तु तत्काल ही वह भौतिक विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से प्रभावित हो गया।
___ भारतीय दर्शन विज्ञान से कम प्रभावित रहा है। इसका कारण है कि इस पर जितना प्रभाव पाणिनि के व्याकरण शास्त्र और भाषा शास्त्र का पडा है उतना चरक सुश्रुत् के चिकित्सा शास्त्र या आर्यभट्ट, भास्कर और बराहमिहिर के गणित और ज्योतिष का नही। पश्चिमी दर्शन पर युकलिड की ज्यामिति का न्युटन की भौतिकी
और डार्विन के जीव विज्ञान का पड़ा है उतना वहां के वैय्याकरणों के व्याकरण और भाषा शास्त्र का प्रभाव नही पडा है। पाश्चात्य दर्शन तथा भारतीय दर्शन में पद्धति सम्बन्धी अन्तर भी परिलक्षित होता है। पाश्चात्य-दर्शन मे विश्लेषणात्मक पद्धति को प्रयुक्त किया गया है। इसलिये पाश्चात्य दर्शन में तत्व विज्ञान, नीतिविज्ञान, प्रमाण