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खण्डन की टीकाएं
१३वीं शदी से लेकर १६वीं शदी तक 'खण्डनखण्डखाद्य' पर अनेक टीकाएं लिखी गयी है। उनमें से निम्न लिखित टीकाएं उल्लेख योग्य हैटीका का नाम
लेखक का नाम
खण्डन खण्डनम्
परमानन्द
खण्डन मण्डनम्
भवनाथ द्वितीय रघुनाथ शिरोमणि
खण्डन दीक्षित
वर्धमान
खण्डन प्रकाश विद्याभरणी
विद्याभरण
विद्यासागरी
आनन्दपूर्ण विद्यासागर खण्डन टीका
बलभद्र मिश्र पुत्र पद्मनाभ पण्डित आनन्दवर्धनी (शङ्करी) शङ्कर मिश्र खण्डन दर्पण
शुभ शङ्करमिश्र खण्डन महातर्क
चरित्र सिंह खण्डन खण्डनम्
प्रगल्भ मिश्र-खण्डन दर्पण शिप्य हितैषिणी
पद्मनाभ भाव दीपिका
चित्सुखकृत खण्डन कुठारः
गोकुलनाथ उपाध्याय खण्डन साद्योद्धार
वाचस्पति मिश्र द्वितीय खण्डनगर्त प्रदर्शनी
साधु मोहन लाल इन व्याख्याओं में शङ्करी अत्यन्त प्रसिद्ध है। किन्तु यह केवल तात्पर्य मात्र का प्रकाशन करती है, पूरी व्याख्या प्रस्तुत नहीं करती है, जिससे पूरा-पूरा लाभ पाठक को
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