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__ [५७ } ८. कलिकुण्ड पार्श्वनाथपूजा-संस्कृतमें हैं। ९. पार्श्वयज्ञ-देशभक्त पं० अर्जुनलालजी सेठी प्रणीत् ।
श्वेतांबर संप्रदायके कतिपय स्तोत्र निम्नप्रकार हैं, किन्तु उनके कोई पूना ग्रन्थ है यह विदित नहीं है:
१. गौड़ी पार्श्वनाथ स्तवन-(सं०) ऐ० प० दि जैन भवन सूची वर्ष १ ४० ७९ ।
२. पार्श्वनाथस्तोत्रं-(सं०) पूर्व० वर्ष २ १० १७. ३. पार्श्वस्तोत्रम्-(प्रा०) जैसलमेरकी सूची ४० ६५ ।
उपरोक्त ग्रन्थों के अतिरिक्त अलीगंज (एटा)के श्रीशांतिनाथ दि. जैन मंदिरके भण्डारमें एक गुटका सं० १६०८ भाद्र वदी १३का लिखा हुआ मौजूद है। उसमे भगवान पार्श्वनाथके विषयमें निम्नप्रकार ६२ बातें कहीं गई हैं:
श्री पार्श्वनाथ जिन ६२ स्थान कथयंतिः
१. श्री पार्श्वनाथ नाम, २. प्राणत विमानात् , ३. नगरी चाणारसी, ४. पिता अश्वसेन राजा, ५. माता वाम्मादेवी, ६. गर्भ वैसाख वदी २, ७. जन्म पौष वदी ११, ८. नक्षत्र विशाखा, ९. शरीर हरितवर्ण, १०. उच्चत्त हस्त ९, ११. आव वरिष १००, १२. कुमारकाल ३०, १३. राज्यकाल||०, १४. अधिक पूर्वाग।।०, १५. तप पौष वदी ११, १६. तपकाल वरिष ७०, १७. हीन पूर्वाग||०, १४. छमस्थ मास ४, १९. केवल चैत्र वदी ४, २०. केवल वेला पूर्वान्हे, २१. केवलकाल पूर्वाणि, २२. पूर्वागानि।।०, २३. वरिष ६९, २४. मास ८, २५. दिन।।०, २६. समवशरण जो० १, २७. गणधर १०, २८. सर्वसंघ १६०००, २९