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भगवान् महावीर
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अंतर पड़ने पर भी दोनों महापुरुष समकालीन हो सकते हैं। इतना अवश्य है कि उनकी समकालीनता का समय बहुत ही अल्पसिद्ध होगा। यदि हम महावीर निर्वाण ५२७ मे मानते हैं । तो यह आवश्यक है कि हमें उनका जन्म ५९९ ई० पूर्व में मानना पड़ेगा, इधर बुद्ध का निर्वाण यदि हम ४८७ ईस्वी पूर्व मानते हैं । तो निश्चय है कि, उनका जन्म ५६७ ईसवी पूर्व मे हुआ होगा । बुद्ध ग्रन्थो से यह भी स्पष्ट मालूम होता है कि बुद्ध ने उन्तालीस वर्ष की अवस्था मे उपदेश देना प्रारम्भ किया था । इस हिलाब से यदि हम देखें तो भी भगवान बुद्ध एक वर्ष तक महावीर के समकालीन रहे थे । यदि न भी रहे हों तो भी बुद्ध ग्रन्थों ने दो चार वर्ष के प्रकर को अत्तर न समझ कर उन्हें समकालीन लिख दिया हो । मतलब यह कि इस उपपत्ति में सन्देह करने को अनेक स्थल है । उसके अतिरिक्त लङ्का के हीनयान बौद्ध मतावलम्बी बुद्ध का निर्वाण ईसासे ५४४ वर्ष पूर्व मानते हैं । यदि यह ठीक है तव तो उपरोक्त प्रमाण की कोई आवश्यकता नही रह जाती है । जेकोवो साहब का दूसरा तर्क भी सन्देह से खाली नहीं । बौद्ध ग्रन्थो' में चाहे जो लिखा हो पर जैन ग्रन्थों मे तो भगवान महावीर को "कुरिणक" की अपेक्षा श्रेणिक ( विम्वसार) का ही समकालीन अधिक लिखा है । जिस समय भगवान महावीर को कैवल्य की प्राप्ति हो गई और उनकी समवशरण सभा बैठ गई, उस समय भी उनसे प्रश्न करने वाला श्रेणिक ही था । कुणिक ( अजातशत्रु) नही | सम्भव है इसी बीच महावीर निर्वाण के पूर्व ही श्रेणिक ने कुणिक को राज्य भार दे दिया हो, और पीछे से