SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 377
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६ परिशिष्ट खंड . 4.2 .0 भगवान महावीर का संक्षिप्त जीवन चरित हम पाठकों के सामने रख चुके । इस जीवन चरित्र को पढ़ कर - प्रत्येक निष्पक्षपात पाठक फिर चाहे वह जैन हो चाहे अजैन, भली प्रकार समझ सकता है कि भगवान महावीर के जीवन का एक एक अन कितना महत्वपूर्ण है। उनके जीवन की एक एक घटना कितना गहन अर्थ रखती है। जो लोग जीवन के गम्भीर रहस्यों की उलझनों को सुलझाना चाहते हैं, जो लोग अपनी आत्मा का विकास करने के इच्छुक हैं, एवं जो लोग प्रकृति के अज्ञेय तत्त्वों का ज्ञान प्राप्त करने के जिज्ञासु हैं उन लोगों को अपने मंजिलेमकसूद पर पहुँचने में महावीर के जीवन से बहुत कुछ सहायता मिल सकती है। ससार के इतिहास में जिन बड़ी २ आत्माओं ने जगतकल्याण की वेदी पर अपने सर्वख का बलिदान कर दिया है,जिना महान् आत्माओं ने अपने मात्म-कल्याण के साथ साथ मनुष्य जाति के कल्याण का प्रयत्न किया है, उनमें महावीर को भी बहुत उस स्थान प्राप्त है। महावीर केवल अपने ही जीवन को दिव्य
SR No.010171
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherMahavir Granth Prakashan Bhanpura
Publication Year
Total Pages435
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy