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भागवान महावीर
-- E-कुरु राज्य-इसको राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी। इसके पूर्व में पांचाल और दक्षिण में मत्स्य जातियाँ वसती थी । इतिहासकों की गय में इसका क्षेत्रफल दो सहस्र वर्ग मील था।
७-दो राज्य पांचालों के थे। इनकी राजधानियो "कन्नौज" और "कपिला" थीं।
८-मत्स्य गज्य जो फुरु राज्य के दक्षिण में और जमुना के पश्चिम में था, इममें अलवर, जयपुर, और भरतपुर के हिस्से शामिल थे।
५-शूग्मेनों का राज्य-इसकी राजधानी मथुरा मे थी।
१०-अश्मक राज्य-इसकी राजधानी गोदावरी नदी के तीर पादन या पातली में थी।
११-गान्धार-इसकी राजधानी तक्षशिला में थी। १.-काम्बोज राज्य-इसको गजधानी द्वारिका मे थी।
बडम्मरण रखना चाहिये कि उपरोक्त सोलह ही नाम शामक जातियों के थे, पर इन जातियों के नाम से उनके अधीनस्थ देशों के भी वही नाम पड़ गये थे । इन जातियो अथवा राज्यों में ऊपर कोई शक्ति ऐसी न थी जो इन पर अपना आतङ्क जमा मकं । प्रयवा इन सबों को एकत्रित कर एक छत्री साम्राज्य का मगठन कर सके। ये छोटे छोटे राज्य कभी २ आपस में लड़ भी पडत थे क्योंकि राजनैतिक स्वतंत्रता के भाव लोगो के अन्तर्गन बहुन फैल हुए थे।
उस काल में उत्तरीय भारत के अंतर्गत बहुत से प्रजातन्त्र गन्य भी थे। अध्यापक “राइजडेविड्स" अपनी "बुद्धिस्ट