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भगवान् महावीर
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२ - दूसरा राज्य उत्तर-पश्चिम में कौशल का था । इसकी राजधानी "श्री वस्ती" रापती नदी के तीर पर्वत के अश्वल में स्थित थी ।
३ – तीसरा राज्य कौशल से दक्षिण की ओर वत्सो का था । उसकी राजधानी यमुना तीर पर कौशाम्बी थी । इसमें परन्तप का पुत्र "उदयन" राज्य करता था । हेमचन्द्राचार्य के कथनानुसार उदयन के पिता का नाम " शतानिक था" ।
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४ - चौथा राज्य इससे भी दक्षिण में "अवन्ति" का था, इसकी राजधानी उज्जयिनी थी और यहां पर राजा "चण्डप्रद्योत "
राज्य करता था ।
इन चार के अतिरिक्त निम्नांकित छोटी बड़ी वारह राजनैतिक शक्तियां और थीं ।
१ - अङ्ग राज्य - - इसकी राजधानी चम्पापुरी -जो आज कल भागलपुर के समीप है— थी ।
२ -- काशी राज्य -- जिसकी राजधानी वनारस मे थी ।
३ - वज्जियो का राज्य -- इस राज्य में आठ वंश सम्मलित थे, इनमें सबसे बड़े लिच्छवि और विदेह थे । उस समय मे यह राज्य प्रजातन्त्र के सिद्धान्तों पर व्यवस्थित था । इसका क्षेत्रफल तेईससौ मील के लगभग था । इसकी राजधानी मिथिला थी । प्रसिद्ध कर्मयोगी राजा जनक इसी विदेह वंश के थे ।
४ - कुशीनारा और पावा के मल्ल ये दोनों स्वाधीन जातियां थी । इनका प्रदेश पर्वत के अचल मे था ।
५ - चेदि राज्य -- इसके दो उपनिवेश थे, पुराना नैपाल में और नबीन पूर्व में कौशाम्बी के समीप था ।