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________________ भगवान् महावीर २२ २ - दूसरा राज्य उत्तर-पश्चिम में कौशल का था । इसकी राजधानी "श्री वस्ती" रापती नदी के तीर पर्वत के अश्वल में स्थित थी । ३ – तीसरा राज्य कौशल से दक्षिण की ओर वत्सो का था । उसकी राजधानी यमुना तीर पर कौशाम्बी थी । इसमें परन्तप का पुत्र "उदयन" राज्य करता था । हेमचन्द्राचार्य के कथनानुसार उदयन के पिता का नाम " शतानिक था" । • ४ - चौथा राज्य इससे भी दक्षिण में "अवन्ति" का था, इसकी राजधानी उज्जयिनी थी और यहां पर राजा "चण्डप्रद्योत " राज्य करता था । इन चार के अतिरिक्त निम्नांकित छोटी बड़ी वारह राजनैतिक शक्तियां और थीं । १ - अङ्ग राज्य - - इसकी राजधानी चम्पापुरी -जो आज कल भागलपुर के समीप है— थी । २ -- काशी राज्य -- जिसकी राजधानी वनारस मे थी । ३ - वज्जियो का राज्य -- इस राज्य में आठ वंश सम्मलित थे, इनमें सबसे बड़े लिच्छवि और विदेह थे । उस समय मे यह राज्य प्रजातन्त्र के सिद्धान्तों पर व्यवस्थित था । इसका क्षेत्रफल तेईससौ मील के लगभग था । इसकी राजधानी मिथिला थी । प्रसिद्ध कर्मयोगी राजा जनक इसी विदेह वंश के थे । ४ - कुशीनारा और पावा के मल्ल ये दोनों स्वाधीन जातियां थी । इनका प्रदेश पर्वत के अचल मे था । ५ - चेदि राज्य -- इसके दो उपनिवेश थे, पुराना नैपाल में और नबीन पूर्व में कौशाम्बी के समीप था ।
SR No.010171
Book TitleBhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraraj Bhandari
PublisherMahavir Granth Prakashan Bhanpura
Publication Year
Total Pages435
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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