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मगवान् महावीर त्य
इसी काल में एशिया के अन्तर्गत एक साथ चार तत्वज्ञानी अवतीर्ण हुए। चीन में प्रसिद्ध तत्वबानी "कनफ्यूशस' का आविर्भाव हुआ। इसने अपनी उन शिक्षाओं के द्वारा लिन्हें गोल्डन रूल (Golden rule) कहते हैं चीन के अन्तर्गत सामाजिक शान्ति की स्थापना की । करीव इसी के साथ साथ ईरान की भूमि पर प्रसिद्ध तत्त्वज्ञानी "लोरोस्टर" अवतीर्ण हुआ, जिसने अपने उन दो सिद्धान्तों के द्वारा जिन्हें "प्रारमुजड" (Armugd) और अहिरिमन कहते हैं । (Ahiriman) जो कि प्रकाश और अन्धकार की शक्तियों के विसम्वाद के सम्बन्ध में है-के द्वारा यह कार्य किया। ___ भारतवर्ष के अन्तर्गत "वर्द्धमान"-जिन्हें महावीर भी कहते हैं-ने प्रकट हो कर अपने उत्कट आत्मसंयम के सिद्धान्त को प्रकट किया। उन्होंने अपनी उत्कट प्रतिभा के बल से "स्याद्वाद" नामक प्रसिद्ध तत्त्वज्ञान का आविष्कार किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी अलौकिक सहनशीलता, दिव्य आत्म-संयम और अद्भुत त्याग के द्वारा लोगों के सन्मुख एक उज्वल आदर्श खड़ा कर दिया । सामाजिक अशान्ति को नष्ट करने और स्थायी शान्ति की जड़ जमाने के लिये उन्होंने यहां की विगड़ी हुई जातिप्रथा को सुधारने का-अथवा यदि न सुधरे तो नष्ट करने का प्रयत्न किया। उन्होंने पूर्व प्रचलित जैन-धर्म को हाथ में लेकर उसका संशोधन किया और उसे समाज के निमित्त उपयोगी बना दिया।
महावीर के ही साथ साथ इस देश में "वुद्ध" का भी अवतार हुआ ! मालूम होता है भारतवर्ष की भयङ्कर अशान्ति