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२०६ भगवान महावीर की सूक्तियां
६२५ तत्थ पचविंह नाणं सुयं अभिरिणवोहियं प्रोहि नाणं तु तइयं मण नाणं च केवलं
नाणेणविणा न हु ति चरण गुणा
६२७ दुविहा बोही णाण वोही चेव देसण बोही चेव
६२८ एगेनाणे
६२६ महुगार समाबुद्धा
६३०
नाणी नो परिदेवए
सीहे मियाण पवरे एवं हवइ बहुस्सुए
सक्के देवाहिवई एवं हवई बहुस्सुए
६३३
सुयमहिठ्ठिज्जा उत्तमट्ठ गवेसए