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१०० भगवान महावीर की सूक्तियाँ
३२९ समाहियस्स आग्गिसिहा व तेयसा तवो य पन्ना य जस्सोय वडढ़इ
अणुक्कमे अप्पलीणे मज्झेण मुणिजावए
३३१ लद्ध कामे न पत्थेज्जा
वीयरागयाएण नेहाणुबधणणि, तण्हाणुवंधणणिय वोछिदई।
३३३ समोय जो तेसु स वीयरागो
३३४ एविदियत्थाम य मणस्स अत्थ दुक्खस्स हे उ मणुयस्स रागिणो न चेव थोव पि कयाइ दुःखं न वीयरागस्स करेति किंचि
३३५ अणि हे से पुछे अहियासए