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लोभ से सच्चे को झूठा और झूठे को सच्चा बना डालते है । लोभी वकील केवल फीस के लोभ मे ग्राकर झूठे मुकद्दमे लडते हैं और जानते हुए भी कि यह लोग निरपराध है, तथापि उन्हे दण्ड दिलवाते हैं । लोभी वैद्य रोगी का ध्यान न रखकर केवल अपनी फीस का ध्यान रखते है, और रोगियो को ठीक औषधि नही देते है । लोभ मे आकर ही शासक पुत्रतुल्य प्रजा का रक्त जोंक को भाति चूसते है, उसको सुखशान्ति की चिन्ता न करके अपने ऐश्वर्य और वैभव का सम्वर्धन कर रहे है । ऐटमबम, हाईड्रोजन बम, उद्जनवम तथा अन्य न जाने कितने विषाक्त शस्त्र अस्त्रो का निर्माण करके ससार की सुखशान्ति को आग लगा रहे है परिग्रह के दुष्परिणामो की कहा तक चर्चा की जाए ? ससार के सभी अनर्थो और क्लेशो का उत्पादक परिग्रह ही है । परिग्रह एक जाल है, जिस मे फसकर बहुत से ऐसे लोग है जो अन्यायपूर्वक तथा अनुचित रीति से लोगो के धन, श्रम और शक्ति का अपहरण एव अपव्यय करते है । अत जीवन - शान्ति के इच्छुक व्यक्ति को परिग्रहवृत्ति से सदा दूर रहना चाहिए और अपरिग्रह की शीतल छाया तले ही जीवन के अनमोल क्षण विताकर अपने भविष्य को उज्ज्वल प्रथच समुज्ज्वल वनाने क सत्प्रयास करना चाहिये | इसी मे विश्व का हित सन्निहित है |
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परिग्रह का सामूहिक निषेध -
परिग्रह की दुष्टता सर्वविदित है । यह लोक और परलोक दोनो का घात करता है । ससार के सभी विचारक व्यक्तियो ने इसे हेय और त्याज्य वतालाया है । विश्व के किसी भी. सहृदय