________________
अपराहे पष्ठेनास्थितस्य खलु जू भ्रकाग्रामे ।। वैशाखसितदशम्यां हस्तोत्तरमध्यमाश्रिते चन्द्रे।
क्षपकण्यारूढस्योत्पन्न केवलं ज्ञानम् ।। माप अम्भिका ग्राम के निकट बहनेवाली ऋजुकूला नदी के तट पर जहा कि भान वृक्ष था और उसके नीचे एक शिलापट्ट था. षष्ठ भक्त पूर्वक अपराण्ह काल मे आप उस पर विराजमान हुए पापको क्षपक घेणी पर मारूढ हो जाने पर वैशाख शुक्लादशमी के दिन अबकि चन्द्रमा हस्त एव उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के बीच मे या 'केवल ज्ञान प्राप्त हुआ।
IAO
ANAKISTANI
YOUR
GS
INISTRA
पाnxHESKORH
CUM
-
-
'Haitianit
ISCLAGand
PEOSRA
स
te
ANNA
Ss
auN
M
देवन्द्र
।
।
केवल ज्ञान कल्याण
श्री मनोहर मुनि कुमुद