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६१. गाया
एयं खु नाणिणो सारं
जंन हिंसइ किंचण । अहिंसा समयं चैव
एयावन्तं विजाणिया ॥
सू० २० १ अ० ११ गा० १०
अर्थ
ज्ञानियों के उपदेश का यही सार है कि किसी भी प्राणी की हिंसा न करे । अहिंसा ही शास्त्रसम्मत धर्म है। बन इतना मात्र ही विज्ञान है।