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१. गुरु जन फो, वृद्ध को,
सेवा बजाना चाहिये । साधका पुरुष को बाल
जन से दूर जाना चाहिये ।
२ स्वाध्याय के फरने में,
अपना मन लगाना चाहिये । एकान्त में रह फर, .
दुख से त्राण पाना चाहिये ।
३
सूत्र को और नर्थ को,
दिल में बिठाना चाहिये । प्रतिकूलता यदि हो तो फिर,
धीरज दिखाना चाहिये ।
८. ध्यान में रखना सदा,
मार्ग वही है मोक्ष तार * महावीर ने त मुदचन,
Eि गंतन से पहा ।।