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१. 'यह है मेरा' 'वह मेरा' नहीं,
मूर्ख नर यह कहता है । 'यह हो चुका है' यह है करना,
संकल्प नदी में बहता है।
२. ऐसे नर के जीवन धन को,
काल - चोर हर ले जाता । रे अज्ञानी ! सुन जिन वाणी,
क्यों प्रमाद नहीं तजता ॥
३. फाल के आगे यह जीवन,
है. सदा हो हारता । ★ महावीर ने यह सुवचन,
प्रिय शिष्य मातम से पहा ।।