________________
४६. गाया
इमं च मे अत्थि इमं च नत्थि
इमं च मे किच्चं इमं अकिच्चं। तं एवमेवं लालप्पमाणं
हरा हरंति त्ति कहं पमाओ ॥
उत्त० अ० १४ गा० १५
अर्थ
____'यह मेरा है' और 'यह मेरा नहीं है ।' 'यह मैं ने कर लिया है 'और' यह अभी नहीं किया' इस प्रकार संकल्प-विकल्प करने वाले मनुष्य के आयुष्य को काल रूपी चोर हरण करते रहते हैं। अरे जीव ! फिर तू क्यों प्रमाद में पड़ा है ?