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(२) स्थापना - अनन्त — अन्य में स्थापित (Attributed) किया हुआ अनन्त | यह भी वस्तुत. अनन्त नहीं है, परन्तु इसका प्रयोग किसी दूसरे पदार्थ से अनन्ततत्व को स्थापित करके किया जाता है । जैसे पासा या कौड़ी को अनन्त कहना |
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(३) द्रव्यानन्त - अप्रयोगित ज्ञान सम्बन्धी अनन्त । इस अनन्त का प्रयोग उन व्यक्तियों के प्रति होता है जिन्हे अनन्त का ज्ञान है, परन्तु वह वर्तमान समय में उसका प्रयोग नहीं करते हैं ।
(४) गणनानन्त - गणितशास्त्र में प्रयोजित अनन्त । (५) प्रदेशिक अनन्त अनन्तसूक्ष्म (Dimension Pess) एक परमाणु को प्रदेशिकानन्त कहते हैं ।
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(६) एकानन्त - एक पार्श्ववर्ती अनन्त । जैसे एक सीबी रेखा के एक छोर की ओर देखने से वह अनन्त दीसे । (७) उभयानन्त - दो पार्श्ववर्ती अनन्त । जैसे एक मीवी रेखा जिसके दोनों छोर अनन्त हैं।
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(८) विस्तारानन्त - विस्तार की अपेक्षा से अनन्त क्षेत्र को व्यक्त करने के लिए अनन्त का प्रयोग करना ।
(६) सर्वानन्त-क्षेत्रजन्य अनन्तत्व (Spatial infinity) (१०) भावानन्त -- अनुभवजन्य केवलज्ञान (मत्रता ) में प्रयोजित अनन्त । सर्वज्ञ सर्वदर्शी तीर्थङ्कर महावीर का ज्ञान 'भावानन्त' था ।
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(११) शास्वतानन्त - श्रनादिनिधन, जो धर्मादियों मे रहता है।