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[२७] पहचासत्र में अधिक काल तक टिकने वाले पदार्थ घी, तेल मादि-के सम्बन्ध में पारियासिका प्रयोग हुमा है । इस हिसाब से यहां पुराना [विजोरा पाक] के पर्थ में "पारियासिए' शब्द का प्रयोग सर्वथा उचित है पौर युक्ति युक्त भी।
(८) मज्जार मज्जार पदार्थों में शीतलता को भावना या पुट देने के लिये प्रयुक्त होने वाली वस्तु है । जिसका प्रभाव गर्मी (उष्णता, दाह) इत्यादि रोगों को शांत करने में उपयोगी है मजार का संस्कृत पर्याय 'मार्जार' होता है। मार्जार और मार्जार से बने हुए कतिपय शब्दों का पर्थ भिन्न होता है। यथा
मार्जार = अन्भसह-बोयाण-हरितग-बुलेन-तणबत्युल,-चोरग, 'मंजार' पोई-चिल्लीया, एक प्रकार की वनस्पति, भाजी-भगवती मूत्र शतक-२१]
मार्जार - वत्युल, पोरग, “मज्जार" गोइतल्ला, पालक्का । एक प्रकार की वनस्पति ।.
[पन्नवणा सूत पद १ हरित विभाग] मार्जार-विरालिकाऽभिधानो वनस्पति विशेषः ।
(भगवती श. १५ टीका) विवारी वन विवारी पोरविवारी ।
पाविधिना या नवनि विगलित