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________________ (४१) ७ इन प्रश्नोंके उत्तर दो: (क ) सातवीं प्रतिमाधारी स्त्रियोंके बीच खड़ा होकर व्याख्यान दे सकता है या नहीं? (ख) दसवीं प्रतिमाघारीको यदि कोई भोजनका बुलावा दे तो उसके यहाँ जाय या नहीं ? (ग) ग्यारहवीं प्रतिमाधारी पाठशाला खुलवा सकता है या नहीं ? उसके लिए रुपया देनेको अनुमोदना करेगा या नहीं तथा रेल, घोड़े, गाढ़ी वगैरहमें बैठेगा या नहीं? (घ) आठवी प्रतिमाका धारी मंदिर बनानेकी सलाह देगा या नहीं तथा पूजन करेगा या नहीं ? (ड) उद्दिष्टत्यागप्रतिमाधारी किसीसे धर्म पुस्तक अर्थात् शास्त्रके लिए याचना करेगा या नहीं ? कोई पुस्तक लिखेगा या नहीं ? रोग हो जानेपर किसीसे उसका जिक्र करेगा या नहीं ? (च) दूसरी प्रतिमाधारीके लिए तीनों समय समायिक करना जरूरी है या नहीं ? (छ) प्लेग आ जानेपर पहली प्रतिमाका धारी प्लेगग्रसित स्थानको छोड़ेगा __ या नहीं अथवा किसी सम्बन्धीके मरनेपर रोयेगा या नहीं ? (ज) जिस स्थानपर कोई जैनी न हो तथा जैनमदिर न हो वहाँ प्रतिमाधारी रहेगा या नहीं ? (झ) सामायिककी क्या विधि है, इसका करना कौनसी प्रतिमाघारीके लिए आवश्यक है ? (अ) सचित्त किसे कहते हैं ? कच्चे फल फूल सचित्त हैं या नहीं ? (ट) दूसरी प्रतिमाका धारी रातको भोजन करेगा या नहीं ? यदि नहीं तो छट्ठी प्रतिमा रात्रिभोजनत्याग क्यों रक्खी है ? (ठ) सातवीं प्रतिमाधारी मनुष्य क्या क्या काम करेगा और क्या क्या नहीं करेगा? (ड) ग्यारहवीं प्रतिमाधारी श्रावक है मुनि ! उसके पास क्या क्य वस्तुएँ होती हैं?
SR No.010158
Book TitleBalbodh Jain Dharm Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachand Goyaliya
PublisherDaya Sudhakar Karyalaya
Publication Year
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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