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278 : अपश्चिम तीर्थंकर महावीर, भाग-द्वितीय
ख सुलसाचारित्र, वही सर्ग 51 132 निरयावलिका, प्रथम वर्ग, प्रथम अध्ययन, चन्द्रसूरि विरचित वृत्ति, प्रका आगमोदय
समिति, सन् 1922, पत्राक 9-121 133 ज्ञाताधर्मकथांग, अभयदेव वृत्ति, प्रका आगमोदय समिति, सन् 1919, पत्रांक
12-381 134 वही, पत्रांक 381 135 मेघकुमार, प. छोटेलाल यति, प्रका जीवन कार्यालय, अजमेर, सन् 1934, पृ.
241 136 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति, द्वितीय वक्षस्कार, श्री शांतिचन्द्र वृति, प्रका आगमोदय समिति,
सन् 1920, पृ. 136-371 137.जैन धर्म का इतिहास, लेखक मुनि सुशील कुमार, अ. भा. श्वे स्थानकवासी
जैन कान्फ्रेन्स भवन, दिल्ली, सन् 1958, पृ. 194-951 138 क. उत्तराध्ययन, भावविजयजी, प्रका. श्री जैन आत्मानंद सभा, भावनगर, सन्
1918, पृ. 410-111 ख उत्तराध्ययन (काव्यमय) मुनि वीरेन्द्र, प्रका श्री अ भा साधुमार्गी जैन संघ,
बीकानेर, अध्ययन-201 139 क दशवैकालिक,टीका उपा श्री आत्माराम जी म सा ,सम्पा अमरमुनिजी,
प्रका श्री ज्वालाप्रसाद माणकचंद जैन, महेन्द्रगढ़, सं 1989, पत्रांक 8081 ख दशवैकालिक सावचूरि, आचार्य श्री हस्तीमल जी महाराज, प्रका राव बहादुर
मोतीलाल बालमुकुन्द मुथा, सतारा, प्र.सं. पृ. 2541 ग. उत्तराध्ययन, भावविजयजी, वही, पत्रांक 411। 140 क. हरिभद्रीय आवश्यक, वन्दनाध्ययन, पत्रांक 5181 ख. प्रवचनसारोद्धार, पूर्वभाग, आ श्री नेमिचंदजी, प्रका देवचंद लालभाई जैन
पुस्तकोद्धार, गाथा-103-1231 ग जैन सिद्धान्त बोल संग्रह, श्री भैरोदान सेठिया, प्रका सेठिया जैन पारमार्थिक
संस्था, प्र.सं वि सं 1997, पृ. 357-3631 141 क. उत्तराध्यन, शान्त्याचार्य, वही, पत्रांक 466-81, सन् 19171
ख उत्तराध्ययन, नेमिचन्द जी, प्रका दिव्यदर्शन ट्रस्ट, मुम्बई, पृ. 178-821 142 त्रिषष्टिश्लाकापुरूषचारित्र, वही 10,6,81 143 भारतीय इतिहासः एक दृष्टि,डॉ काशीप्रसाद जायसवाल, पृ 621 144. भारतीय इतिहासः एक दृष्टि, डॉ ज्योतिप्रसाद जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, बनारस,
पृ. 651