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१ ) द्रव्य की अपेक्षा से घड़ा मिट्टी का है। मिट्टी घडे का अपना —— स्वद्रव्य है ।
२ ) क्षेत्र की अपेक्षा से घड़ा बाहर के खड मे है | यह उसका स्वस्थल हुन ।
३ ) काल की अपेक्षा से घडा कार्तिक मास में है । यह उसका स्वकाल हुआ ।
४ ) भाव की अपेक्षा से घडा लाल रंग का है । यह उसका स्वभाव हुआ ।
इस घड़े के साथ साथ हम एक फूलदान (Flower vase) भी लेते है | यह फूलदान पीतल का बना है । जब उसमे फूल डाल कर उसे मेज पर रखते है तब वह फूलदान बन जाता है । फूल निकाल कर उसमे हम मूँग भर दे तो वह एक सामान्य बर्तन बन जाता है । अब हम उसे अपेक्षा - चतुष्टय से जाँचे ।
१) फूलदान का स्व द्रव्य 'पीतल की धातु' है । २) फूलदान का स्व- क्षेत्र दीवानखाना है ।
३) फूलदान का स्व-काल उसमे जितने समय तक फूल रहते है वह समय है |
क्योकि वह ऊपर
४) फूलदान का स्व-भाव दीवानखाने की शोभा मे वृद्धि करना है । उसे हम 'फूलदान है' ऐसा कहते है बताई हुई चारो अपेक्षाएँ पूर्ण करता है । घडे के सम्बन्ध मे तथा इस फूलदान के सम्बन्ध मे प्रथम भग द्वारा इन चारो अपेक्षाओ के अधीत यह निर्णय हुआ कि वह 'है ही ।'
इस प्रकार उक्त