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के साथ इसका सवध होने के कारण वस्तु या पदार्थ के साथ के इसके सम्बन्ध को 'विपय'-विषयो भाव' कहते हैं।
निक्षेप 'अर्थात्मक' है। एक ही शब्द का वाच्य अमुक अर्थ मे 'नाम' है, अमुक अर्थ मे 'प्राकृति' है, अमुक अर्थ मे 'दल' है, और अमुक अर्थ मे 'भाव' है, यह वात हमे निक्षेप' से समझ मे आती है । यहाँ हमने गब्द और अर्थ का जैसा परस्पर सम्बन्ध जोडा, वैसा सम्बन्ध नय और निक्षेप के बीच भी है । नय और निक्षेप के वीच के सम्बन्ध को 'ज्ञेय ज्ञापक' सम्बन्ध कहते है। यह सबध तथा उसकी क्रिया नय के द्वारा जानी जा सकती है अत निक्षेप भी नय का ही विपय है। _____नयविषयक इस विवेचना मे हमने 'नय' शब्द का अर्थ समझा, उसके उपयोग के विपय मे सामान्य जानकारी भी प्राप्त की, और साथ ही उसका जिनसे सम्बन्ध है उन-प्रमाण और निक्षेप–के विपय मे भी सक्षिप्त जानकारी प्राप्त करली है।
अब हम 'सात नय' का क्रमश परिचय प्राप्त करेगे ।