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________________ १६० एक दूसरा उदाहरण लीजिये । एलोपैथिक दवाइयों की बहुत सी शीशियों के लेबल पर ' Poison' 'जहर' छपा हुआ होता है । सामान्य अर्थ मे 'जहर' शब्द का अर्थ 'प्राणघातक पदार्थ' होता है । हमे डाक्टर ने 'सिवाजोल' नामक दवाई लाकर ग्रमुक ढग मे उसका उपयोग करने की सूचना दी। उसके बाद हम दवाई वाले के यहाँ यह दवाई लेने जायं, और उसके ऊपर 'पोइजन' शब्द पढ कर ही यदि लोट ग्रायें तो अर्थ का अनर्थ होगा या नही ? इससे सवधित एक मनोरंजक प्रसग इस लेखक को याद है -- एक सन्तानहीन धनवान् सज्जन का भतीजा डाक्टर वना । डाक्टर के चाचा को (उक्त धनवान् सज्जन को ) हृदय का कोई रोग था । डाक्टर ने अपने पास नमूने (Sample) के तौर पर मुफ्त आई हुई Neocor 'नियोकोर' नामक दवा की गोलियो की एक शीशी अपने चाचा को दी, जिससे चाचा को पैसे खर्च न करने पडे । उन्हे यह सूचना दी कि, "जब सीने मे दर्द हो तब इसमे से एक गोली पानी के साथ लेना ।" चाचा अग्रेजी दूसरी कक्षा तक पढे थे, और आयुर्वेदिक दवाइयो मे श्रद्धा रखते थे । विलायती दवाई लेने का उनका यह पहला प्रसंग था । शीशी पर छपा हुआ 'पोइजन' शब्द पढकर वे रोने लगे । किसी तरह चुप ही न होते थे । फिर अपने एक विश्वस्त मित्र से एकान्त मे मिल कर उन्होने कारण स्पष्ट किया - "जगजीवन भाई, देखा आपने? मैने इस बाबू को अपने खर्च से पढा कर डाक्टर बनाया । अव इसके मन मे यह पाप पैदा हुआ है कि जल्दी से मेरी सारी दौलत इसके हाथ मे आ जाय । इसलिये मुझे जहर देकर मारना चाहता है ।" 1
SR No.010147
Book TitleAnekant va Syadvada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandulal C Shah
PublisherJain Marg Aradhak Samiti Belgaon
Publication Year1963
Total Pages437
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Philosophy
File Size13 MB
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