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________________ 92 विदेशों में जैन धर्म अध्याय 50 मोहन-जोदड़ो जनपद में जैन धर्म मोहन जोदड़ो में पुरातत्त्व विभाग द्वारा कराये गये उत्खनन से प्रभूत पुरातत्व सामग्री मिली है जिसने भारतीय इतिहास पर सबसे अधिक प्रभाव डाला है (सुप्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसार भैरोमल)| विद्वानों का मत है कि यह स्थान प्राचीन काल का वीतभयपत्तन है। इसकी शोध-खोज ने तो भारतीय संस्कृति. विशेषतया जैन संस्कृति की प्राचीनता को पूर्णतया स्थापित कर दिया है। इसका विस्तृत विवरण इसी पुस्तक मे अन्यन्त्र भी दृष्टव्य है। अध्याय 51 हड़प्पा परिक्षेत्र में जैन धर्म इसके अतिरिक्त सक्करजोदड़ो, काहूजोदडो, हडप्पा, कालीबंगा आदि की खुदाइयों से भी महत्त्वपूर्ण जैन पुरातत्त्व सामग्री प्राप्त हुई है जिसमें बड़ी सख्या मे जैन मूर्तियां, प्राचीन सिक्के, बरतन आदि विशेष ज्ञातव्य हैं। यह सभ्यता 3000 ईसा पूर्व और उससे पहले की मानी जाती है। अध्याय 52 कालीबंगा परिक्षेत्र में जैन धर्म उत्खनन से यह बात पूर्णतया स्पष्ट हो जाती है कि प्रागैतिहासिक युग में भी जैन धर्म का प्रचार-प्रसार उत्तर-पश्चिम भारत में रहा था। यहां से उपलब्ध जैन मूर्तियां ईसा पूर्व 3000 की है। पुरातन लिपि में वीर निर्वाण
SR No.010144
Book TitleVidesho me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year1997
Total Pages113
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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