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________________ pin . .. सन्दर्भमवी . ". Try ngi TRAEES . I 13, tyr 13 17,1 क्लास्वविखा मुनिश्री प्रमाणसागर, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली . . . 5.72 वात्सल्य रलाकर - सल्लेखना आत्महत्या नहीं - अलमस्त निर्मलचन्द जैन ! . . जैनेन्द्र सिद्धान्त कोष, भाग 4 भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली 4. आचार्य शान्तिसागर जी का अन्तिम उपदेश - जैन गजट, 10 जून 2004 5. तत्त्वार्थसूत्र, अध्याय ? 6. भारतीय संविधान अनुच्छेद 14 और 21 7. भारतीय दण्डविधान, धारा 306-9 8. क्रिमिनल ला जनरल, 1987 पृ. 743 9. क्रिमिनल लॉ जनरल, 1996 पृ. 1660 10. इलाहाबाद क्रिमिनल केसेज 1994, सप्लीमेन्ट पृ. 73 11. अमर उजाला, आगरा, अगस्त 2004 12. English Verseni of S. 306 P. A-14 13. English Verseni of S. 309 P. A-15 अटैची नहीं अटैचमेन्ट चाहिये पूज्यमुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज का दिनांक २-१२-08 को 'विहार हुआ। बड़ी संख्या में उनके साथ लोग चल रहे थे। अभी 9-२ किलोमीटर ही गये थे कि श्री सनत जैन (अवन्तिका) ने सिं. जयकुमार जी से पूछा - 'बई" भैया आपकी अटेची कहाँ हैं ? सिं. जयकुमार उत्तर देते कि इसके पूर्व महाराज, , श्री बोल पड़े - 'अटैची की क्या जरूरत है ? अटैचमेक्ट होना चाहिये, सारी ब्यवस्थायें स्वयं बम जाती हैं।' '
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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