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________________ बनता है। भेदसंघात अर्थात वैधत संयोजी बंध द्वारा निर्मित स्कंध (अणु) मेंस होते हैं अत: चाक्षुष होते हैं। क्योंकि इस प्रक्रिया क्षारा निर्मित अणु धुवीय होते हैं जिस कारण अनंत अणु एक दूसरे से विपरीत आवेशित आयनों की ओर से वैद्युत बल रेखानों द्वारा जुड़ते चले जाते हैं तथा चाक्षुष का निर्माण करते हैं। Nach Nact * Nach Nach वैचुत बल रेखायें उदाहरण:- नमक, चूना, नौसादर, फिटकरी, नीला थोथा, हरा कसीस आदि बंध की भेदसंघात प्रक्रिया द्वार अचाक्षुष बन जाते हैं। इस आधार पर वैद्युत संयोजी यौगिकों (स्कंधों) की विलियन में होने वाली आयनिक क्रियाओं को भी समझा जा सकता है। स्कंधों का बचाक्षुष जलीय विलयन भेदधात प्रक्रिया द्वारा बने चानुष स्कंध 1. NaCl + AgNo, नमक सिल्वर नाइट्रेट भेद Na* + ch- + Ag* + No; संघात AgCI + NaNo, सिस्वर क्लोराइड (सफेद) सोडियम नाइट्रेट 2. PbCl+ K,Cro. ___ लेड क्लोराइड पोटेशियम क्रोमेट भेद Po" + 2Cr + 2K+ + Cro- संघात PbCro. + 2KCI लेड क्रोमेट पोटेशियम क्लोराइड (सुनहरा पीला होस) संघात
SR No.010142
Book TitleTattvartha Sutra Nikash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRakesh Jain, Nihalchand Jain
PublisherSakal Digambar Jain Sangh Satna
Publication Year5005
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size20 MB
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