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A RMETROMISM
(७) 2NO+ NO. 230 K. 2N,O, .
नाइट्रिक डाय नाइट्रोजन माइट्रोजन सेस्ववा माक्साइड टेट्रा आक्साइड
बाक्साइड (7) 3NaF + AIF,
Na AIF सोडियम फ्लोराइड एल्यूमिनियम फ्लोराइड क्रायोलाइट (s) Feso. + (NH.),SO.+ 6H,0->Feso, (NH.), SO.. 6H,0
फेरस सल्फेट अमोनियम सल्फेट जल मोर्हस लवण (७) Kcl M gCl + 6Ho -> KCI. Mg Cl. 6H, पोटेशियमक्लोराइड मेग्नेशियम क्लोराइड जल
कार्नेलाइट (10) K,so. Also) 24H0->K,so. AI,(So), 24 HO
पोटेशियम सल्फेट एल्यूमिनियमसल्फेट जल फिटकरी भवसंपातारा पोत्पति
भेद संघात से होने वाली स्कंधोत्पत्ति की इस प्रक्रिया की तुलना हम रसायन विज्ञान मे मान्य वैद्युत संयोजी बंध से कर सकते हैं।
स्कंध निर्माण की इस प्रक्रिया में विज्ञान में मान्य परमाणुओं में से सर्वप्रथम एक परमाणु एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है । इलेक्ट्रॉन त्याग की इस प्रक्रिया को भेद कहेंगे, तदोपरान्त दूसरा परमाणु इन त्यागे हुए इलेक्ट्रॉन्स को ग्रहण करता है । इलेक्ट्रॉन के त्याग से प्रथम परमाणु धन आवेशित तथा इलेक्ट्रॉन्स के ग्रहण से दूसरा परमाणु ऋणावेशित हो जाता है। अंत में विपरीत आवेशित आयन्स एक दूसरे से वैद्युतबल रेखाओं द्वारा जुड़ जाते हैं। जुड़ने की इस प्रक्रिया को संघात कहेगे। इस प्रकार भेदसंघात (वैद्युतसंयोजी बंध द्वारा) प्रक्रिया द्वारा स्कंध (अणु) का निर्माण हो जाता है।
(1) सोडियम परमाणु Na क्लोरीन परमाणु भेद द्वारा -10
1+ le सौडियम आयन (Na')
__ क्लोराइड आयन (CI) M
सघात
CI -> Na! वैद्युत बल रेखायें
नमक का अणु (3) 4KCN + Fe(CN),
फेरस सायनाइड
संघात 4K• + 4CN- + Fe(CN), K(Fe(CN) पोटेशियम सायनाइड फेरस सायनाइड पोटेशियम फैरो सायनाइड