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228
Th अल्फाकण
90
थोरियम
216
84
Po
पोलियम
संघात द्वारा स्कंधोत्पत्ति
(2) Cl 2 + क्लोरीन
+
(3) N 2 नाइट्रोजन
() Xe
1
जिनान
(5) Xe
1
जिनाम
224
220
216
Ra अल्फाकण Rn अल्फाकण Po
86
84
रेडान
पीलोनियम
+
:
88
रेडियम
अल्फाकण
-
F2
3
रसायन विज्ञान में संघात द्वारा स्कंधोत्पत्ति की प्रक्रिया का भी लक्षण दृष्टिगोचर होता है। स्कंधोत्पत्ति की इस प्रक्रिया को सहसंयोजी बंध के रूप में समझा जा सकता है।
HH
सहसंयोजी बंध में अणु निर्माण में भाग ले रहे परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉन्स की साझेदारी से जो बंध बनता है उसे सहसंयोजी बंध एवं निर्मित योगिक को सहसंयोजी यौगिक (स्कंध) कहा जाता है।'
(1)
212
208
Pb अल्फाकण Hg
82
80
लेड
:N
फ्लोरीन
2F2
10
फ्लोरीन
= H, अणु :
हायड्रोजन
H.
हायड्रोजन
02 आक्सीजन
मरकरी
NX
Ni ट्यूब -
सूर्य का प्रकाश
विद्युत विसर्जन
निकिलट्यूब
400°C
=N, अणु इट्रोजन
208
बीटाकण TI
81
थेत्विम
0, = अणु आक्सीजन
2HCI हायड्रोजन क्लोराइड
208
बीटाकण Pb
82
2 NO
नाइट्रिक आक्साइड Xe F
जिनान डाय फ्लोराइड
XeF
लेड
जिनान टेट्रा फ्लोराइड
इक्ट्रॉन गावेशिता किरणें-ले कोदोस नहीं । १.० एवं ये दोनों चिन्ह अणु के इलेक्ट्रॉनों को व्यक्त करते हैं।