________________ श्री चौबीस तीर्थङ्करों के पञ्च-कल्याणक तिथियां श्रावकों को नीचे लिखे दिनों में पूजन और स्पाध्याय करना चाहिये, ऐसा करने से पुण्य वध होता है। स० नाम तीर्थदर गर्भ जन्म तप ज्ञान मोक्ष 1 श्री आदिनाथ जी आपाद कृष्ण 2 चैत्र वदी 9 चैत्र वदी 9 फाल्गुन वदी 11 माघ वदी 14 , 2 श्री अजितनाथ जी ज्येष्ठ वदी 15 माघ सुदी 10 माघ सुदी 10 पोप सुदी 4 चैत्र सुदी 5 3 श्री सम्भवनाथ जी फाल्गुन सुदी 8 कातिफ सुदी 15 मगसिर सुदी 15 कार्तिक यदी 4 चैत्र सुदी 6 4 श्री अभिनन्दननाथ जी वैसाख सुदी 6 माघ वदी 12 माघ सुदी 12 पोप सुदी 14 वैसात्य पदी 6 5 श्री सुमतिनाथ जी श्रापण सुदी 2 चैत्र सुदी 11 चैत्र सुदी 11 चैत्र सुदी 11 चै7 मुती 11 6 श्री पद्मप्रभु जी माप पदी 6 कातिक सुदी 13 कार्तिक सुदी 13 चेत्र सुदी 15 फागुन वदी 4 7 श्री मुपाश्वनाथ जी भादों सुदी 6 ज्येष्ठ सुदी 12 ज्येष्ठ सुदी 12 फाल्गुन वदी 6 पारगुन यदी 7 8 श्री चन्द्रप्रभु जी चैत्र वदी 5 पौष पदी 11 पौष यदी 11 फाल्गुन वदी 7 फाल्गुन पुरी 7 9 श्री पुष्पदन्त जी फाल्गुन वदी 9 मगपिर सुर्द ? मगसिर सुदी 1 कातिक सुदी 2 आसोज सुदी 8 10 श्री शीतलनाथ जी , चैत्र वदी 8 माघ वदी 12 माघ वदी 12 पौष वदी 14 आराोज सुदी 8 11 श्री श्रेयांसनाथ जी ज्येष्ठ वदी 8 फाल्गुन 11 फाल्गुन वदी 11 माघ वदी 1 ण सुदी 15 12 ध्री वासुपूज्य जी आषाढ़ वदी 6 फाल्गुन 6ii 11 फाल्गुन पदी 14 भादों वदी 2 भादों सुदी 14