________________ अथ शांति मंत्र प्रारम्यते ॐनमः सिद्धन्यः / श्री वीतरागाय नमः / ॐ नमोऽर्हते भगवते, धीमते पार्वतीयंदराय द्वादशगणपरिवेप्टिताय, शुरुध्यान पवित्राय, सर्वज्ञाय स्वयभुवे, सिद्धाय, बुद्धाय, परमात्मने, परमसुखाय, लोकमहोव्याताय, मनन्तससारचक्रपरिमदंनाय, अनन्तदर्शनाय, अनन्तवीर्याय, अनन्तमुरवाय, सिद्धाय, बुद्धाय, लोक्यवशङ्कराय, सत्यनानाय, सत्यव्रह्मणे, धरणेन्द्र फणामण्डलमण्डिताय, ऋष्यायिका श्रावक श्राविका प्रमुख चतुस्सोपसर्गविनाशनाय, घातिकर्म विनाशनाय, मघातिकर्म विनाशनाय / अपवाय छिधि-छिधि भिधि-भिघि / मृत्यु छिघि-विधि मिधि-भिधि / अतिकामछिधि 2 भिधि २रतिकाम छिधि-छिधि भिधि भिधि / क्रोध छिधि-छिधि मिधि-भिधि। मन्ति छिधि-छिधि भिघि-भिधि / सर्वशत्रु छिधि 2 भिघि 2 / सर्वोपसर्गछिधि 2 भिधि 2 / सर्वविघ्न छिधि 2 भिधि 2 / सर्वभय छिघि 2 भिधि 2 / सर्वराजभय छिधि 2 भिधि 2 / सर्वचोरभय लिधि 2 भिघि 2 / सर्वदुष्टभय विधि 2 भिधि 2 / सर्वमृगमय छिधि 2 भिधि 2 / सर्वमात्मचक्रभय छिधि 2 भिधि२ / सर्वपरमन्त्र छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वशूलरोग छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वक्षयरोग छिन्धि 2 भिन्ध 2 / सर्वकुष्ठरोग छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वकररोग छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वनरमारी छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वगजमारी छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वाश्वमारी छिन्धि 2 भिन्धि 2 // गर्वगोमारी छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्वमहिपमारि छिन्धि 2 भिधि२। सर्वधान्यमारि छिन्धि 2 भिन्धि 2 / सर्ववृक्षमारि छिन्धि 2