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मेन पूजा पाठ म
निर्वाणकांड [ गाथा ]
अडावयम् उही चपाए बापु विणणाहा । उज्जते गमि जिणो पावाए विदा मरावी ॥२॥ चीन तु जिणग्दिा अमरारामा । सम्मेद गिरि-निहरे पिया गया मां नमि ॥ वरदत्तो य रंगो नायरडतो व नावरणवरे । आयकोटीओ णिल्याण गया पमो तेमिं ॥
मि-नामी पज्जुगी सकुमारो तहेब अणिरुद्रो । बाहत्तरि-कोडीओ उज्जत सत्त-सवा चट || राम-सुआ विष्णि जणा लाट परिंदाण पत्र कोडी । पावाए गिरि-मिहरे णिव्वाण गया णमो तेसि || पद-सुख तिणिजणा उनि गरिदा अड कोटीओ। सत्तु जय - गिरिसिहरे जिव्वाण गया णमो तेनिं ॥ सत्तेन चला जब गरिंदाण अट्ट कोडीओ । राजपथे गिरि - सिहरे णिव्वाण गया णमो तेसिं ॥ राम-हणू सुग्गीवो गवय गवक्सो य णील महणीलो । णवणचटी कोडीओ लुंगीगिरि- णिच्वदे चडे ॥ अंगाणंगकुमारा विक्खा - पचद्ध-कोटि- रितिसहिया । सुवण्णगिरि-मत्थयत्थे णिव्वाण गया णमो तेसिं ॥ दहमुह - रायस्स मुआ कोडी-पंचद्र-मुणिवरे महिया । रेवा - उम्म तीरे णिव्वाण गया णमो तेसिं ॥ रेवा - usए तीरे पच्छिम - भायम्मि सिद्धवर - कूडे । दो चकी दह कप्पे आहुट्ठय-कोटि- णिव्बुदे वदे ||